स्टॉक मार्किट मे सबसे यादगार लम्हा वो होता है। जब आप अपना पहला इन्वेस्टमेंट करने जा रह हो। मुझे अच्छे से ध्यान है जब मै पहली बार मेरे अकाउंट मे पैसे थे। और मे पहला स्टॉक खरीदने जा रहा था। तो कितनी टेंशन हुई थी और शुरुआत मे बहुत सारे स्टॉक हमें पसंद भी आते है लेकिन चुनाव करना मुश्किल हो जाता है की सबसे पहले कौन से शेयर को खरीदें । आप मे से जिसने पहले से ही मार्किट मे निवेश किया है तो आप लोगो को जरूर पहला इन्वेस्टमेंट याद होगा। और ये भी याद होगा की कितना डर लगता है। इस ब्लॉग मे हम लाये हैं 6 ऐसे टिप्स जो आपकी हेल्प करेंगे, आपका अच्छा स्टॉक चुनाव करने मे, जो आप को बहुत ही फ़ायदा होगा साथ ही इस ब्लॉग के अंत मे आपके लिए के लिए स्पेशल टिप जो आपने कभी नहीं सुनी होगी। जो आपको एक सफल निवेशक बना देगी।
तो मे आपको बता दूँ पहली टिप बहुत बेसिक होगी और जैसे जैसे हम आगे बढ़ते जायेंगे , टिप्स एडवांस होती जाएँगी और 7th टिप्स जो है वो बहुत जरूरी है पहली टिप से शुरुआत करते है वो है –
1 – कंपनी & ट्रैक – रिकॉर्ड – आप लोगो ने अक्सर देखा होगा न्यूज़ मे आता रहता है की RBI ने लगायी इस बैंक को फटकार , सेवी ने लगायी इस कंपनी को फटकार, ऐसे बहुत सारे न्यूज़ आते रहते है जिस मे कुछ चुनिंदा कंपनी को स्टॉक या RBI या कई तरह के रेगुलेटर उनपे या तो जुरमाना लगते रहते है या किसी न किसी तरह की नोटिस भेजते रहते है तो अगर कोई ऐसी कंपनी है जिसको बार बार कोई goverment fine लगा रहे या वॉर्निंग दे रहे है जैसे अगर आप बैंक्स के बारे मे पढ़ेंगे तो कुछ २-४ बैंक्स ऐसे है जिनके साथ बार बार इर्रेगुलर्टी पायी जाती है। की इन्ही बैंक्स ने हर बार कुछ न कुछ गलत किया है वहीँ अगर हम कोटक बैंक लेले या hdfc ले ले या अच्छे प्राइवेट बैंक्स ले ले तो इनका ज्यादा कभी कुछ नहीं आता,अगर आपको कंपनी सेलेक्ट करना है पहले स्टॉक के रूप मे तो ये देख लीजिये की आपकी कंपनी बार बार किसी मामले मे फसी तो नहीं है। करना कुछ नहीं है कंपनी का नाम लिखना है और आगे गूगल मे लिख देना है x y कंपनी फ्रॉड, जो भी कम्पनी की हिस्ट्री रही होगी वो आपके सामने आ जाएगी हमेशा इस बात का ध्यान रखिये अगर कोई एक गलती पकड़ मे आयी है तो जरूर 4 – 5 गलतियां ऐसी रही होगीं जो पकड़ मे नहीं आयी और कभी न कभी आएगी। अब इसे थोड़ा उल्टा करके सोचिये क्या आपने कभी देखा है की Asian Paints को कोई कभी प्रॉब्लम हुयी हो। कभी Colgate के साथ कोई प्रॉब्लम हुआ हो ,नहीं , जो भी क्वालिटी कंपनी होती है वो हमेशा कंट्रोवर्सी फ्री रहती है तो ऐसी कंपनी से दूर रहना ही बेहतर है तो ये तो ये हुयी कंपनी के ट्रैक रिकॉर्ड की बात। अब बात करते करते है कंपनी को चलाने वाले ट्रैक रिकॉर्ड की बात।
2 -MANAGEMENT & TRACK RECORD – जरा सोचिये आप किसी कंपनी मे इन्वेस्ट कर रहे है। और आपको ये डर सता रहा है की कल को ये कंपनी बंद हो गयी तो कही कंपनी का ओनर है वो मेरे पैसे लेकर भाग गया तो जैसे आशा इंटिमेट नाम की एक कंपनी है जिसके ओनर काफी समय से मिसिंग है और उन्होंने इन्वेस्टर के नाम लेटर लिखा है जिसमे उन्होंने माफ़ी मांगी है इन्वेस्टर का पैसा सही से इन्वेस्ट न कर पाने के लिए तो कहीं आपकी कंपनी के साथ ऐसा न हो जाए, कहीं प्रमोटर या ओनर किसी प्रॉब्लम मे फास के आपको मजधार मे छोड़ तो नहीं देगा तो इस प्रॉब्लम से बचने के लिए स्पेशली जब आप बिग्गंनेरस है तो बहुत ज्यादा रेपुटेड ओनर्स वाली कंपनी ही चुने जैसे की क्या रतन टाटा आपका पैसा लेके भाग सकते है ये बहुत बहुत unlucky है तो as a beginners safe यही है की हम उन कंपनी को चुने जिनके बारे मे हम कई सालो से अच्छा अच्छा सुनते आ रहे ,जिनके ओनर को मार्किट बहुत रेस्पेक्ट करता है ऐसे मे आपका पैसा सुरक्षित रहेगा।
3 -तीसरा पॉइंट example से समझते है। आपके पास २ बिज़नेस मे पार्टनर बनने का ऑप्शन है। एक बिज़नेस है जो अच्छा खासा प्रॉफिट कमाता है और जिस पे कोई कर्जा भी नहीं है और दूसरा बिज़नेस है वो अच्छा खासा प्रॉफिट बनाता है लेकिन उस बिज़नेस पर कर्जा काफी है अगर आप पार्टनर बन रहे है तो कल को आपके सर पर मुसीबत आ सकती है उस बिज़नेस का कर्जा आपको चुकाना पड़े। तो ऐसे मे आप कौन सा बिज़नेस चुनेगे । जयादा तर लोग जिस कंपनी मे कोई कर्जा नहीं है उनको choose करते है क्यों अगर कोई कर्जा न हो या हमारी पर्सनल लाइफ मै ,या हमारी बिज़नेस मे कहीं भी , जब भी कर्जा सर पर हो तो टेंशन सर पर बनी ही रहती है। चाहे स्टॉक मार्किट हो या पर्सनल लाइफ ,जयादा कर्जे वाली कंपनी से दूर रहे। क्या आपको पता है हर कंपनी के आगे लिमिटेड क्यों लगा होता है जैसे टाटा स्टील लिमिटेड, हर कंपनी के नाम के आगे लिमिटेड क्यों होता है क्युकी ये दर्शाता है की आपके पैसा देने की जिम्मेदारी लिमिटेड है यानी की कंपनी पर चाहे 100 करोड़ का कर्जा हो लेकिन उसके जो ओनर है उन्हें घर बार बेच के कर्ज नहीं चुकाना है कंपनी का कर्जा कंपनी चुकायेगी, उसके ओनर नहीं चुकाएंगे । यही दर्शाने के लिए लिमिटेड लगाया जाता है ताकि आपको ये भरोसा रहे कल को आपकी इन्वेस्टमेंट वाली कंपनी डूब रही है तो भी कंपनी के लेनदार आपके घर तक नहीं पहुचेगे की आप शेयर होल्डर हो, आप पैसा निकालो।
4- SALES + PROFIT GROWTH – जो स्टॉक आपको पसंद आ रहा है उसकी सेल्स बढ़ रही हो और उसका प्रॉफिट भी लगातार बढ़ रहा हो दोनों का बढ़ना बहुत जरूरी है। अगर कोई एक बढ़ रहा हो तो वो काफी नहीं है जैसे की अगर सिर्फ सेल बढ़ रही है प्रॉफिट नहीं बढ़ रहा तो ये ज्यादा अच्छी बात नहीं है इससे क्या पता चलता है की कंपनी अपना मुनाफा न बढ़ा के सेल्स बढ़ने पर जोर दे रही है यानी कंपनी का ध्यान मुनाफा बढ़ाना मे नहीं है। तो देखिये बिना मुनाफे के या कम मुनाफे के सेल कोई भी बढ़ा सकता है सच मे अच्छी कंपनी बड़ी profitable company वो बन पाती है जो सेल के साथ साथ अपना मुनाफा भी बढ़ाते जाए। मुनाफा कम करके तो कोई भी सेल कर सकता है जब तक सेल न बढे तब तक मुनाफा जयादा समय तक नहीं टिक सकता। इसीलिए सेल्स और प्रॉफिट दोनों का बढ़ना बहुत जरूरी होता है as a beginner इसे ढूंढना बहुत आसान है इसे देखना बहुत आसान है तो इस चीज़ का भी ध्यान रखे।
5 – RETURN ON CAPITAL – देखिये कई बिज़नेस ऐसे होते है। जिनमे मार्जिन खूब होता है। आपने 100 रुपये का सामान बेचा उसमे से 20 रूपये कमाया यानी की 20% मार्जिन तो ये देखने से अच्छा भी लगता है। ये तो हाई मार्जिन बिज़नेस है लेकिन हाई मार्जिन होना काफी नहीं, हम बिज़नेस अच्छा है या बुरा ऐसे देखते है की बिज़नेस मे पैसे लगा कितना ,उसको स्टार्ट करने मे ,टोटल पैसा कितना लगा उस पैसे मे कितना return आया क्युकी मार्जिन जो होता है सिर्फ सेल्स पर होता है इसमे फिक्स कॉस्ट शामिल नहीं होती है जैसे आपने खूब बड़ा सा प्लांट डाला। सीमेंट बनाने का तो जो नेट प्रॉफिट मार्जिन है वो आपको किस चीज़ पर दिखेगा ,कितने रुपये अपने सेल्स किया सीमेंट की एक बोरी और उसके पीछे आपको प्लांट चलाने के खर्चे लेबर की सैलरी ये सब देने के बाद कितना बचता है वो आपका मार्जिन हो गया। लेकिन आपको ये देखना है की मेरा टोटल पैसा लगा कितना ,raw material खरीदने मे ,प्लांट बनाने मे ,जमीन खरीदने मे ये सब मे कितना खर्चा हुआ और उसके बाद कितना प्रॉफिट आया तो ये पता चलता है return on capital से। टोटल पैसा जो इन्वेस्ट किया है उसमे कितना मुझे प्रॉफिट हुआ। तो न सिर्फ नेट प्रॉफिट मार्जिन बल्कि return on capital भी बिज़नेस का अच्छा होना जरूरी है।
6 – CUSTOMER SATISFACTION – थोड़े समय के लिए कोई भी प्रोडक्ट मार्केटिंग से नया है , तो बिक सकता है तो ऐसे मे कही आप उस कंपनी से इम्प्रेस होकर वो शेयर तो नई खरीद रहे। ये जांचने के लिए की ये लम्बे समय तक उस कंपनी के प्रोडक्ट पॉपुलर होंगे की नहीं ,बिकते रहेंगे की नहीं जरूरी है की आप कस्टमर सटिस्फैक्शन को जाने, जो लोग उस कंपनी के प्रोडक्ट को खरीद रहे है वो खुश है की नहीं ,वो दुबारा उसे खरीदेंगे की नहीं तो आप ये कैसे जानेंगे की। ये जानने का सबसे अच्छा तरीका है की आप ऐसी कंपनी को चुने जिनके प्रोडक्ट आप खुद खरीदते है ताकि आप खुद as a कस्टमर Review कर सके।
7 -THINK LIKE AN ANGEL INVESTOR – सोचिये आप कंपनी मे बहुत बड़ा निवेश करने जा रहे है। लगभग उस कंपनी को पूरा खरीदने जा रहे है चलिए एक example लेते है। सोचिये की आप के पास 5 हजार करोड़ रूपये है तो आप देखते है की भाव मे कौन कौन सी कंपनी 5 हजार करोड़ मे मिल सकती है। शर्त ये है की आपके पास 5 हजार करोड़ है और आप केवल एक ही कंपनी , उस 5 हजार करोड़ रुपये स खरीद सकते है। तो चलिए दो कंपनी का example देते है एक है DCB बैंक और दूसरा है zydus wellness दोनों का मार्किटकेप 5 हजार करोड़ का है यानी की इनके साथ सारे शेयर इन दोनों कंपनी के 5 हजार करोड़ मे मिलेंगे अब आपको देखना है की dcb बैंक का ख़रीदे या zydus wellness का, आप ये देखेंगे की ये दोनों कंपनी मुनाफा कितना कमा रही है ,साल मे ये कंपनी कमाती कितना है। तो dcb बैंक ढाई सौ करोड़ और zydus वैलनेस कमाती है लगभग 130 करोड़ तो इससे मुझे एकदम से क्या पता चला की मे दे तो 5 हजार करोड़ रहा हु लेकिन एक कंपनी मुझे हर साल ढाई सौ करोड़ लौटा के देगी और दूसरी 130 करोड़ लौटा के देगी। तो ऐसे मे बेटर इन्वेस्टमेंट कौन सा हुआ हमारा दिमाग खुद ही सोचने लगता है इसमे कुछ फैक्ट और ऐड कर दे जैसे आगे किसका प्रॉफिट तेजी से बढ़ेगा एक छोटे बैंक का जो तेजी से grow कर रहा है या फिर एक ऐसी कंपनी का जिसके पास २,३ हिट प्रोडक्ट थे जो डेली के ,किस्मे जयादा growth है किसमे कम्पटीशन कम है ये थोड़ा बहुत कैलकुलेशन करके आपको आपका दिमाग खुद answer देगा की इन दोनों मे से बेटर ऑप्शन क्या है तो जब भी आप कोई कंपनी select कर रहे हो तो देखिये उसका मार्किट कैप कितना है की वो कंपनी हजार करोड़ मार्किट कैप वाली है या 2 हजार करोड़ मार्किट कैप वाली है फिर देखिये उसी मार्किट कैप मे आपको और कौन कौन सी कंपनी मिल रही है फिर 5 या 6 मार्किट सिमिलर वाली कंपनी के बारे ऐसा सोचे की इनमे से अगर आपको कोई कंपनी पूरी खरीदनी होती तो आप कौन सी खरीदते जो answer आपको मिले उसी कंपनी का शेयर लीजिये।